हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका FWW के और नए आर्टिकल में अक्सर लोग एक्टिव म्यूचुअल फंड क्या हैं? क्या हमे निवेश करना चाहिए? ये सवाल खोजते रहते है इसलिए आज का आर्टिकल स्पेशली हम इसी टॉपिक पर लेकर आए हैं तो आईए जानते हैं डिटेल में।
दोस्तों म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने से पहले, निवेशकों को अक्सर इस दुविधा का सामना करना पड़ता है कि किस योजना और कैटिगरी को चुना जाए। ढेर सारी म्यूचुअल फंड योजनाओं में से, निवेशक उन योजनाओं को चुनना पसंद करते हैं जो हाई रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।
दोस्तों साथ ही, उन्हें यह दुविधा भी होती है कि म्यूचुअल फंड की किस कैटिगरी – एक्टिव या पैसिव – में निवेश किया जाए।
एक्टिव और पैसिव म्यूचुअल फंड के बीच होते हैं कई अंतर
आपकों बता दें कि एक्टिव और पैसिव म्यूचुअल फंड के बीच कई अंतर हैं। प्रमुख अंतरों में से एक यह है कि एक्टिव म्यूचुअल फंड का टार्गेट बेंचमार्क इंडेक्स को मात देना है, जबकि पैसिव म्यूचुअल फंड का रिटर्न बेंचमार्क इंडेक्स रिटर्न के अनुरूप है।
दोस्तों एक्टिव म्यूचुअल फंड अल्फा यानी बेंचमार्क रिटर्न से अधिक रिटर्न देने की गुंजाइश देते हैं। अधिकांश इंडेक्स म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो में या तो बैंकिंग या आईटी स्टॉक होते हैं लेकिन वास्तविक एक्टिविटी इन दो सेक्टर के बाहर होती है।
दोस्तों इसलिए, यदि आप इकोनामिक की वृद्धि में भाग लेना चाहते हैं, तो आपको एक्टिव म्यूचुअल फंड में भी निवेश करना चाहिए।
ये है एक्टिव म्यूचुअल फंड की प्रमुख विशेषताएं
हायर एक्सपेंस: दोस्तों एक्टिव म्यूचुअल फंड में पैसिव म्यूचुअल फंड की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक एक्सपेंस रेशयों होता है। पैसिव योजनाओं के विपरीत, एक्टिव म्यूचुअल फंड बदलती मार्केट कंडीशंस के अनुरूप अधिक बार बाय और सेल का सहारा लेते हैं। इससे कॉस्ट और भी अधिक बढ़ जाती है।
रिस्क: दोस्तों एक्टिव म्यूचुअल फंड अपने पैसिव समकक्षों की तुलना में अधिक जोखिम भरे होते हैं। इसलिए, केवल उन्हीं निवेशकों को इन म्यूचुअल फंडों में निवेश करना चाहिए जिनकी जोखिम लेने की क्षमता अधिक है।
लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन: दोस्तों एक्टिव म्यूचुअल फंड लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन में मदद कर सकते हैं और निवेशकों को अपने फाइनेंशियल टारगेट्स को पूरा करने में सक्षम बना सकते हैं।
कॉन्ट्रेरियन दांव: आपकों बता दें कि ये म्यूचुअल फंड कॉन्ट्रेरियन दांव लगाकर और उन शेयरों में निवेश करके कमाई कर सकते हैं जो जरूरी नहीं कि बेंचमार्क इंडेक्स का हिस्सा हों।
डायनेमिक इन्वेस्टमेंट: दोस्तों एक्टिव म्यूचुअल फंड में निवेश करके, निवेशक अपने पोर्टफोलियो में डायनामाइज्म की खुराक डाल सकते हैं। एक्टिव फंडों का पोर्टफोलियो आमतौर पर फ्लेक्सिबल होता है और बदलती मार्केट कंडीशंस के आधार पर बदलता रहता है।
दोस्तों इस बीच, वेल्थ एक्सपर्ट का सुझाव है कि सही निवेश स्ट्रेटजी एक्टिव योजनाओं को पैसिव योजनाओं के साथ कंप्लीमेंट करना है।
दोस्तों आपकों बता दें कि दिल्ली स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट और निवेश सलाहकार दीपक अग्रवाल कहते हैं, ”विचार एक को दूसरे के ऊपर चुनने का नहीं है, बल्कि इसे अधिक डायनेमिक और मूल्यवान बनाने के लिए पोर्टफोलियो में दोनों को रखने का है।”
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